कठपुतली से शिक्षा एवं सामाजिक जागरूकता करते सुनील
- Seniors Adda
- 4 days ago
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बच्चों के साथ साथ देश समाज में बो रहे हैं कला का संस्कार
सविता
कठपुतली जब जल जीवन हरियाली की बात करें तो शहरी लोगों के साथ साथ ग्रामीण लोग भी पर्यावरण जैसे गंभीर विषय को सरल व सहजतापूर्वक समझ जाते हैं।गीत संगीत कहानियों के माध्यम से कठपुतली सामाजिक विज्ञान,समाज सुधार अभियान को लेकर शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से देश समाज में जागरूक करने वाले सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक लोक कलाकार सुनील कुमार मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड मालीघाट निवासी कठपुतली कला का प्रशिक्षण देते है।

हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया (एचपीपीआई) किलकारी,कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय तरियानी(शिवहर) बंजरिया(पूर्वी चंपारण) चनपटिया(पश्चिम चंपारण) थूम्मा (रुन्नी सैदपुर) सीतामढ़ी,जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) रामबाग, मुजफ्फरपुर, विक्रम (पटना)छतौनी (मोतिहारी) पूर्वी चंपारण, पिरोता ,भोजपुर जिला के साथ साथ अन्य राज्यों में कठपुतली कला प्रशिक्षण देने वाले सुनील कुमार की पहचान कठपुतली कलाकार के साथ साथ कठपुतली प्रशिक्षक की भी हैं। कठपुतली को नवाचार का माध्यम बनाने वाले सुनील कुमार कठपुतली के माध्यम से देश समाज में हिंसा समाप्त करने, बाल विवाह, बाल श्रम, नशापान जैसे सामाजिक बुराइयों को के खिलाफ कठपुतली संवाद के माध्यम से जागरूक करते रहते हैं।पीपल,नीम, तुलसी जैसे पौराणिक पौधों को लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार संवाद करने वाले सुनील कुमार कठपुतली कला का प्रशिक्षण सी जी नेट के सहयोग से सर्वप्रथम सालेकसा (गोंदिया) महाराष्ट्र में प्राप्त की। पपेट जर्नलिज्म के माध्यम से भारत देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को वैकल्पिक माध्यम के प्रयोग का प्रशिक्षण देने का कार्य किया। कठपुतली कला के माध्यम से बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने वाले सुनील कुमार सामाजिक जन जागरूकता का कार्य करते रहते हैं। इसमें इनके परिवार का भी सहयोग मिलता हैं। सुनील कुमार का मानना हैं पढ़ाई से बचने वाले बच्चों को रचनात्मक तरीके से शिक्षा दी जाए तो वह कक्षा में आने के लिए ललायित रहेंगे। बचत, डिजिटल बैंकिंग, गुड टच बैड टच, जन औषधी परियोजना, जेंडर संवाद के साथ साथ किशोरियों को महावारी शिक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर जागरूक करते रहते हैं।
बच्चों के साथ साथ शिक्षकों को भी कठपुतली बनाने के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं सुनील कुमार
कठपुतली कला के लिए अमेरिकन शिक्षिका लेसली हैंस से सम्मान,विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर भागलपुर (बिहार) में कठपुतली कला के जरिए जन जागरण के लिए कर्ण पुरस्कार,समृद्धि कला सम्मान 2025,पीपल नीम तुलसी अभियान द्वारा पर्यावरण योद्धा एवं पर्यावरण मित्र सम्मान, लुंबिनी नेपाल में सम्मानित होने के साथ ही वर्ल्ड सोशल फोरम 2024 काठमांडू नेपाल में प्रदर्शन करने का कार्य किए हैं।